विभिन्न पुराणों की श्लोकसंख्या और श्रीमद्भागवत की महिमा
यह श्रीमद् भागवत भगवत तत्वज्ञान का एक श्रेष्ठ प्रकाशक है। इसकी तुलना में और कोई भी पुराण नहीं है।
1.इसे पहले पहल स्वयं भगवान नारायण ने ब्रह्मा जी के लिए प्रकट किया था।
2. फिर उन्होंने ही ब्रह्मा जी के रूप से देवर्षि नारद को उपदेश किया था।
3. और नारद जी के रूप से भगवान श्री कृष्ण द्वैपायन व्यास को।
4. तदनंतर उन्होंने ही व्यास रूप से योगेंद्र सुखदेव जी को
5. और श्री सुखदेव जी के रूप से अत्यंत करुणा वर्ष राजर्षि परीक्षित को देश किया।
6. श्री सुखदेव जी से गुरु जी को प्राप्त हुआ।
7. गुरुजी से मुझे प्राप्त हुआ।
8. वे भगवान परम शुद्ध एवं माया मलसे जल रहित है। शोक और मृत्यु उनके पास तक नहीं फटक सकते। हम उन्हीं परम सत्य स्वरूप परमेश्वर का ध्यान करते हैं। 19.
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