भगवान के अंग उपांग और आयुधो का रहस्य तथा विभिन्न सूर्य गणों का वर्णन।
श्री शुकदेव जी कहते हैं-- प्रिय परीक्षित! श्रीमद्भाभागवत महापुराणमें बार-बार और सर्वत्र विश्वात्मा भगवान श्रीहरिका ही संकीर्तन ह...
No comments:
Post a Comment